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चीजों में कुछ चीजें ✍️

 चीज़ों में कुछ चीज़ें  बातों में कुछ बातें वो होंगी  जिन्हें कभी देख नहीं पाओगे  इक्कीसवीं सदी में  ढूँढ़ते रह जाओगे  बच्चों में बचपन  जवानों में यौवन  शीशों में दरपन  जीवन में सावन  गाँव में अखाड़ा  शहर में सिंघाड़ा  टेबल की जगह पहाड़ा  और पाजामे में नाड़ा  ढूँढ़ते रह जाओगे  आँखों में पानी  दादी की कहानी  प्यार के दो पल  नल-नल में जल  संतों की बानी  कर्ण जैसा दानी  घर में मेहमान  मनुष्यता का सम्मान  पड़ोस की पहचान  रसिकों के कान  ब्रज का फाग  आग में आग  तराजू पे बट्टा  और लड़कियों का दुपट्टा  ढूँढ़ते रह जाओगे  भरत-सा भाई  लक्ष्मण-सा अनुयायी  चूड़ी-भरी कलाई  शादी में शहनाई  बुराई की बुराई  सच में सच्चाई  मंच पर कविताई  ग़रीब को खोली  आँगन में रंगोली  परोपकारी बंदे  और अर्थी को कंधे  ढूँढ़ते रह जाओगे  अध्यापक, जो सचमुच पढ़ाए  अफ़सर, जो रिश्वत न खाए  बुद्धिजीवी, जो राह दि...