जुनून ए मंजिल

              जुनून ए मंजिल 

ओ परिंदे किउ तू थक गया उड़ान भरते भरते
सुन  किउ तू हारा है खुद से लड़ते लड़ते
सुन इन चुनौतियो से ना डर तू ,
उठ फिर से कोशिश कर तू ,
तेरी हिम्मत को देख कर  ही ,
मुश्किलो ने तुझे सकारा है
अब उठ जा तू मंजिल ने तुझे पुकारा हैं ।

ओ माना वर्षों बीते है ,तुझे मेहनत करते करते
बहुत चुभें है काँटे, तुझे राह में चलते चलते
सुन यूँ हताश ना हो तू
खुद से निराश ना हो तू
भले ही सूरज डूबा है आज
पर इसके बाद भी होता उज्जयारा है
अब उठ जा तू मंजिल ने तुझे पुकारा हैं ।
                                           @Raushan_raaz_🖋️

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