बचपन
Title - बचपन
बहुत
मन करता है बारिशों में
खेलने का
पर ना वो साथी रहे
ना वो बचपन रहा।
दोस्ती तो आजकल
बस story में mention होती है...
ना जाने बचपन के वो दोस्त
कहां है कोई नहीं जानता..
जिंदगी भर साथ रहने के वादे किए थे हमने
आज सालो बीत गए हैं एक दूसरे को देखे हुए...
कभी कभी ख्याल आता है
कभी तो मिलना होगा तुमसे
फिर सोचती हूं में तुम्हें याद भी हूं
या नहीं...
कभी कभी ख्याल आता है..
कितने बदल गए होगे तुम..
लेकिन किया इस भीड़ में तुम में ,
मुझे वही पुराना दोस्त मिलेगा...
बस एक ख्वाहिश सी है,
तुमसे मिलने की..
इसी आस में की कभी तो तुम लोगो से मिलना होगा
वही पुराना बचपन और सबकी यादें साथ होगी।
By - @raushan_raaz
Comments
Post a Comment