The Poem : भारत की बेटी
📝The Poem :-भारत की बेटी♥️✨
लुटती हुई culture को लुटा
समझदार अपनो ने
रेप हुआ मासूमों का और
साथ छोड़ा सपनों ने
होना मॉडर्न बड़ी अच्छी बात है
सोच सुधारो न लड़को अपनी
कह देना भी सच्ची बात है
पर हर लड़का बुरा नही होता
चरित्र में वो अधूरा नही होता
खैर यहाँ
बात किसी जेंडर की नही
नारी के सम्मान की है
भोग विलास की वस्तु नही वो
चरचा
उसकी आबरू और अभिमान की है
सोचता है दिल
इस अश्लीलता को रोकना ज़रूरी है
मानसिकता जो है बुरी
उसे ठोकना ज़रूरी है
कला, अभिव्यक्ति और अधिकार का ढोलपीटकर
क्यों बस तुम तुष्टिकरण करते हो
खुश करने के औऱ कई तरीके है
महिला का फिर
क्यों वस्तुकरण करते हो
सबकुछ बस
पैसा तो नही होता
हाड़ी रानी और माता मीरा के बच्चो का
आदर्श
ऐसा नही होता
आज एक बिटिया ने
पाखण्ड की आधुनिकता को ललकारा है
यौवन कोई अंग प्रदर्शन का साधन नही
यह अमिट स्वाभिमान हमारा है
सुप्त वासनाओं को तुम
उकसाते हो
अप्रत्यक्ष रूप में फिर
अपराध बढ़ाते हो
ज्ञान दोगे फिर woman Empowerment का
क्यों
हमें मूर्ख बनाते हो
भारत की बेटी
अब तो जग गयी है
लूटती है आबरू क्यों इसकीं
वो अब समझ गयी है...
लिव इन उसका कल्चर नही
संस्कारो संग ही उसे जीना है
ठुकराकर माँ बाप को
बदनामी का विष नही पीना है...
धन्यवाद🌻
शिक्षा:- यह कविता किसी व्यक्ति विशेष के विरोध में नही है, बल्कि यह विरोध करती है उस मानसिकता का, जो महिला का वस्तुकरण करती है ...👈
क्योंकि
जब तक महिला को सिर्फ भोग की वस्तु के रूप में पेश किया जाएगा, या ऐसा दिखाया जाएगा। समाज मे उनके प्रति दैहिक अपराध बढ़ते रहेंगे...
🔥सिनेमा संगीत, कला, मनोरंजन और चित्र का अदभुत सामंजस्य होने के कारण किसी भी व्यक्ति के मन को बहुत अधिक तीव्रता से प्रभावित करता है। अतः इससे सम्बद्ध सभी व्यक्तियों का समाज और राष्ट्र की युवा पीढ़ी के प्रति यह नैतिक दायित्व है,की वे उनके हित मे कंटेंट प्रस्तुत करें🔥
📝साथ ही यह कविता भारत की इस बेटी को भरपूर प्रोत्साहन भी देती है, जिसने यह दर्शाया है, की उस आधुनिक भौतिकवाद की जड़े बहुत ढीली है, जिसमें महिला का वस्तुकरण आम हो जाए, अतः संस्कारो से संस्कृति की ओर लौटना होगा। इसमें हर नारी और हर नर का हित निहित है
औऱ जब नर और नारी सशक्त है,तो आने वाली पीढ़ी स्वतः सशक्त होंगी
इसमें कोई संदेह नही...
📝आज नही तो क्या
कल समझना होगा
वरना भारत के बच्चो
🔥तुम्हे बिखरना होगा...🔥
@raushan_raaz
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