The Poem : माधुरी ❤

 📝THE POEM: माधुरी ♥️



तुमने सुनी होगी,
अब तक लव स्टोरी हमेशा
एक लड़के औऱ लड़की की
लेकिन इस कविता में
बात थोड़ी  निराली  है
एक प्यारी बहन ने देखो
भाई की ज़िंदगी कैसे संभाली है✅

एक  नादान  सा गबरू लड़का
जो  बस  यूं ही जीता  रहता था
कक्षा 11 के वो दिन थे जब
वो उल्टा सीधा कहता रहता था

न जाने क्या बजरंगबली ने चाहा
जो
माधुरी से मिलवाया उसको
मृदुभाषी जीवन होता है अच्छा
सत्संगत से बतलाया उसको

पढ़ाई  में  अव्वल  प्यारी  लड़की  ने
राखी आग्रह पर उसके, तब बांधी थी
बाद में गज़ब उठी भैया के जीवन मे
अच्छे 
पवित्र संस्कारो  की  आंधी थी...

भैया को बहना  की अपनी
तब चिंता  बड़ी  होती  थी
जब कभी सड़क पर  वे
टेम्पो के इंतज़ार में
अकेला खड़ी होती थी..🤔

भैया मजे से जीप में
तब जाया करता था
पर बहना हमारी
जीवन की चुनोतियों के सम्मुख
फौलाद सी डटी होती थी...

मासूम, संस्कारी और प्यारी सी है वे
विनम्रता को ही उनमें पाया है
अकड़ू सा था भैया पहले
उन्होंने ही सज्जन होना सीखाया है

सामाजिक औपचारिकताओ से तो
भैया आपके अनभिज्ञ रहते है
बात जो भी है दिल मे
बस सीधा सीधा कहते है


बहन हमारी भी यह जानती है
कभी भैया की कमियों का
इसीलिये वो

नही  बुरा मानती है

जानती है वे भी
की यह थोड़ा सा पागल है
पर मातारानी का ही बच्चा है
दिल सोना है नीरज का
भाई मेरा तो, बड़ा सच्चा है✅


हम चाहे दूर रहे तो क्या
यह एहसास
सदा  तेरे करीब रहेगा
आज भाई की जेब खाली है मगर
उसका दिल कभी न गरीब रहेगा...


मासूम बहनो की दुआओं से तो
उसकी अब झोली भर जाती है
मायूसी और निराशा को
पल में ही गायब कर जाती है

समाज के तानों बानो से
भैया को थोड़ा लड़ना है
सँघर्ष की सफलता तक बहना
धीरज का पाठ पढ़ना है


एक दिन आएगा ऐसा
जब दुआएँ सारी रंग लाएंगी
बहना और भैया की तब
ख्वाहिशें
सब मुकम्मल हो जाएंगी
सब मुकम्मल हो जाएंगी...👌

📝
भैया की सलाह अपनी बहन को ससुराल हेतु:

हमें तुम पर बहना  भरोसा है
विश्वास जो तुमने परोसा है
जहाँ भी अब तुम जाओगी
संस्कारो की फसल उगाओगी...

कहने को तो ससुराल एक शब्द है
बाकी घर तो,  वो भी अपना है
जीना उस प्यारी ज़िंदगी को वहाँ
जो आपका  एक मासूम सपना है...

भ्राता को भी अदभुत ज्ञान कराना
माता- पिता का  तुम मान बढ़ाना
सास ससुर को बनकर के बिटिया
सेवा का खूब अमृत पान कराना...

हार जाना अहम को अपने
जब भी रिश्तों को
जीताना हो
कर्तव्य प्राथमिक रहेंगे सदा ही
जब
सुन्दर गृहस्थ चलाना हो

तुम नहीं हो अब एक जीवन बस
दो परिवारों के सञ्चालन का हेतू हो
पीढ़ी दर पीढ़ी जो है पनपती
उस उज्ज्वल
परवरिश का सेतु हो...


शांत चित्त और मंद  मुस्कान  संग
दाम्पत्य जीवन को अपने सजाना है
सम्बन्धो की बनकर के प्रगाढ़
माधुरी
पवित्रता का प्रकाश फैलाना है...👌


विवाह के इस पावन पल में
अब
त्रयोदश संस्कार निभाना है
कविता के इन सूत्रों को ढाल बनाकर
अपनी खुशियों का संसार बसाना है


समर्पण दिखलाना है,
त्याग भी समाना है
प्यारी बहना अपने रिश्तो को
बस प्यार से निभाना है...
बस प्यार से निभाना है...



                धन्यवाद😊
  माध्यम: @raushan_raaz.

💎
शिक्षा:- भाई- बहन का रिश्ता बहुत ही पावन और अनमोल होता है। सामान्यतः वे अपनी भावनाओं को गहराई से अभिव्यक्त नही करते है या नही कर पाते है
लेकिन एक सच्चे भाई के लिये उनकी बहन हमेशा बहुत स्पेशल होती है...☺️
❣️
और वे हमेशा अपनी बहनो की खुशियो के लिये अपना बेस्ट देने का प्रयास करते है...
इस कविता के माध्यम से
एक भाई ने अपनी ससुराल जाती बहन को दिल से उपजी अनमोल सीख बताई है...

यदि यह कविता आपको अपनी बहन के और नज़दीक लेकर जाती है, उसकी मासूम याद दिलाती है। तो
इस खूबसूरत से एहसास को एक व्यक्ति को अवश्य शेयर कीजियेगा...
यह अब आपकी धरोहर है👈

                       🏐🏐🏐

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