भारतीय माता - पिता

 📝The Poem:

भारतीय माता-पिता♥️


शुरुआत  कहाँ
 से करूँ
इस कविता की
समझ नही पाता हूँ
हमारा आरम्भ ही इन्ही से है
चलो यही से बात बढ़ाता हूँ...

शब्द हल्के पड़ेंगे मेरे अब
रुतबा इनका बड़ा भारी है
ये  वो है, जिनके आशिष ने
लाखो जिंदगियां संवारी  है...

खुद रो लेते है अकेले में ये
पर हमें तो हरपल हंसाया है
होने  से  जिनके
सबकुछ अपना लगता है
ऐसा तो बस,
सिर्फ माँ बाप का साया है...

खून पसीने से पाला  है हमको
और कतरा कतरा प्यार से सींचा है
त्याग और बलिदान कितना ये करते है
पुष्पों का अपने जैसे सदाबहार बगीचा है...

माँ किसी की है झाड़ू करती,
तो कोई गैरो के बर्तन धोती है
औलाद के खातिर वो तो
मुश्किल हालातों में
सिसक  सिसक कर रोती है...

जगती है बड़ा जल्दी कुछ तो
और कुछ दिन भर न सोती है
खाना बनाने से फुर्सत मिल जाये तो
बच्चों के सभी कपड़े भी वही धोती है...

खासी जुकाम जब हो जाये, तो
काढ़ा बनाकर के वो पिलाती है
प्यारे दुलारो का मन उदास हो जब
लोरी गाकर अपनी गोद मे सुलाती है

सिर पर  जब मां हाथ फेरती है हमारे
तो सच मे कितना अच्छा लगता है
स्वर्ग देखा नही कभी पर
हमें तो यही पल ,सुख सच्चा लगता है...


गोदी  मे प्यार से  पापा ने  खिलाया है
माँ ने अपने आँचल से अमृत पिलाया है
नज़र न  लगे उनके राजा रानी को
इसीलिये काला टिका भी जमकर लगाया है...

रक्तबूँद से पिता के हम है जन्मे
और आज
वटवृक्ष की भांति खुद को फैलाया है
ये वही मासूम है जिनका
नादानी में हमने बहुत दिल दुखाया है...

अपनी रानी बिटिया का
पहला प्यार है पापा...👌
राजा बेटा के खिलौनों का
सारा संसार है पापा

जहाँ भी है
वे वंदनीय है
हर घर की खुशी का
अभिन्न आधार है पापा...

लोग प्रश्न उठाएंगे तुम पर
लेकिन वही तुम्हें गले लगाएंगे
असफलता के मुश्किल मोड़ पर
अम्मा बाउजी  ही हम पर
अधिक विश्वास जताएंगे...

बचपन मे पिता बेटों को
बड़ा ही लाड़ लड़ाते है
पता नही क्यों जवानी में
क्यों दूरी उनसे बढ़ाते है?

हाल यह अजीब सा
हमें तो समझ नही आता है
आखिर क्यों कोई पुत्र अपने पिता से
सहज गले नही मिल पाता है..🤔

कठोर बहुत रवैया  है उनका
पर ह्रदय तो बड़ा शीतल होता हैं
सन्तानो के खातिर वही
कभी सोना चांदी और
कभी तो पीतल होता है...

कुछ तो हुआ है असर अंग्रेज़ी हवा का
माँ बाप से अब दूरी जो बढ़ने लगी है
संस्कार टांग दिये है खूंटे पर शायद
वृद्धाश्रमों में भीड़ थोड़ा बढ़ने लगी है...

हुआ क्या है
देश के गृहस्थ जवानों को
नई पीढ़ी माँ बाप से
क्यों लड़ने लगी है..?

धीरज रख उनके समर्पण को जानो
पाश्चात्यकरण की यह कैसी खुमारी
अब हमारे
सिर पर चढ़ने लगी है...?

धन्य है हम, जो भारतीय माँ बाप मिले
ठोकर देकर घर से  हमें नही निकाला है
बेरोजगार  है  ,तो भी चलेगा
तब भी खिलाते हर दिन प्रेम का निवाला है...

माँ बाप की यह कमज़ोरी नही
उनकी जिम्मेदारी और ममता है
औलाद का पालन इतना आसान नही
उनके ह्रदय की यह असीम सरलता है...

जब युवा मन  इस गूढ़  सत्य को  समझेगा
खुद को  अंतर में अपने तब
अनवरत खरोंचेगा
करेगा मेहनत और अध्ययन दिन रात वो
फिर जाकर माँ बाप के आँसू पोंछेगा...

धन्य है यह भारत भूमि
जहाँ माँ है बालक की प्रथम गुरु और
पिता उसका सच्चा" संरक्षक "होता है
नींव बनती है प्रथम पाठशाला में उसकी
फिर वही अनीति,
और अन्याय का भक्षक होता है...

नोंक झोंक जायज़ है माँ बाप से
और खटपट भी थोड़ा चलती रहती है
हर बात भले उनकी उचित नही हो
तो क्या
असहमतियों में भी
खुशियां  आखिर  पलती रहती है...

पर दिल दुखाना उन फरिश्तों का
हरगिज़ है नही जायज़
ये वही है ,जिनके मीठे बोल,
हमारे सुरो को रोशन करते है...

ये वही है,जिनकी दुआए
हमारी तकदीर बुलंद करती है...

ये वही है
जिनके दिल से निकले अल्फ़ाज़
हमारी सल्तनत को
कभी थमने नही देंगे...

ये वही है,
जिनका वरदान हमारे साम्राज्य को
पूरी दुनिया के दिलो से
जोड़ने की क्षमता रखता है...

ये वही है
जो तेरी सारी खुशियो का आधार है
और ये वही है, जो तेरा पूरा संसार है....👍

बोल, क्या अब भी,
तू इन्हें रुलाएगा
बोल, क्या अब भी
इन्हें तू घर से दूर भगाएगा...

निर्णय अब तुमको करना है
खुद से यही वादा करना है
माँ बाप का दिल न कभी तोड़ेंगे
आंहे भरने को, अकेला उन्हें नही छोड़ेंगे...

कर्म  करेंगे  हम सभी  इतने  अच्छे
नाम रोशन उनका फिर  जग में होगा
यही तो चाहते है वे मासूम फरिश्ते
उनके

बच्चो का यश पूरे नभ में होगा...
बच्चो का यश पूरे नभ में होगा...


       धन्यवाद
माध्यम(raushan_raaz

➡️शिक्षा:- प्यारे युवा साथियों सच में हम सभी बहुत भाग्यशाली है, जो प्यारी सी भारत भूमि पर जन्म मिला। और हमारा ध्यान रखने वाले अनमोल माता - पिता मिले। सब इतने खुशनसीब नही होते 👈
अतः एक ज़िम्मेदार संतान के रूप में हमे  अपने माता पिता का नाम रोशन करने के लिये सत्कर्म करने का प्रयास करना चाहिये। यह भी उनकी सेवा है...

so ओनली
One share For Beautiful vibes...

           🏐🏐🏐

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