चार दिन कि कहानी
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
लोग आपका नाम भूल जाएंगे...इंसान सारी ज़िंदगी इस धोखे में रहता है कि,
वह लोगों के लिए अहम है....
लेकिन हक़ीक़त यह होती है कि,
आपके होने ना होने से किसी को कोई फ़र्क नही पड़ता है....
जिसकी जितनी ज़रूरत होती है,
उसकी उतनी ही अहमियत होती है......
न रुकी वक़्त की गर्दिश, न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा तो परिंदो ने ठिकाना बदला......💕
@raushan_raaz
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