माँ भारती की खुशबू ❤
📝 THE POEM: माँ भारती की खुशबू ♥️ ✨ ☘️ उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से पश्चिम तक बस उनका ही तो साया है जब भी चूमा देशकी माटी को माँ भारती की खुशबू को ही पाया है... ऐसी पवित्र माँ के चरणों में हम तो शीश झुकाते है सदा रहे भारत भाग्यविधाता बस यही गीत गाते है ...👍 ☘️ अबनींद्र नाथ ठाकुर ने ज्योति भाव की यह जलाई है वतन को भारत माँ की याद दिलाई है... सेवा हमें उनकी करनी है खुशियो से झोली हर गरीब की भरनी है... ☘️सात्विकता का प्रतीक भी है और समृद्धता की पहचान है विविधता में एकता पालने वाली ऐसी माता को दिल से प्रणाम है माँ का हम तो अपनी मान बढ़ाएंगे देश की हर बेटी को शिक्षा दिलवाएंगे भटके हैं जो नादान युवा सक्षमता का एहसास उन्हें भी करवाएंगे👌 ☘️भूमिपुत्र का जो नाम न आएं तो माँ भारती का दिल घबराए कृषकों के लिये भी हमको जीना है घाव लगे जहा भी उनको समावेशी विकास के सूत्र से उनको सिलना है... माँ यह एक ही शब्द बड़ा भारी है सैकड़ो जाने इस पर वारी है... ☘️मानो तो माँ ही है भारत न समझो तो सिर्फ विचार है लाखो वीरों की रगरग में जो है बसी ऐसी भारत माँ की...