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Showing posts from March, 2023

The Poem : नवरात्रि स्पेशल 🙏

 📝 The Poem: नवरात्रि स्पेशल  माँ कृपा बनाये रखना ♥️ ✨ तू जानती है माँ तुझसे बिछड़ के खूब रोता हूँ भटकता हूँ इधर उधर बस कहाँ फिर चैन से सोता हूँ? तेरी  हर उम्मीद पर ही मैं खरा उतरना चाहता हूँ बस तेरी  इबादत मैं दिलो- जान से करना चाहता हूं... ज़िंदगी छोड़ने का विचार तो मुझे भी कभी आता है पर आत्महत्या से भला कौन तुंझे खुश कर पाता है🤔 तू बस प्रसन्न होती उस पर मैया जिसे हालातो से लड़ना आता है... जानता हूँ कायरता तुझे रास नही आती जो बस भोग विलास को अपनाएं तू उनके  पास नही आती तुझे तो पवित्रता ही भांति है✅ जो प्रयास करे बिगड़े बच्चे तो माँ उन्हें  तू  ही पावन बनाती है... माता लीला तेरी निराली है स्याह कोयले  को तू हीरा बनाती है दलदल में भी प्यारे प्यारे उत्पल खिलाती है...🌷    जिसके मन में बसी हो माँ वहां माया टिक नही सकती ऐसा मन रहता है पवित्र सदा वहां विकारों की ज्वाला कभी  जल नही सकती... असम्भव जैसा कुछ है नही आपके लिये आस का दीपक माता हमारा भी जलाए रखना.. कभी बुझ न जाए आपके ये मासूम चिराग इन्हें सदा रोशन बनाए रखना...✨ छोड़ना नही माँ , ...

The Poem :- जीत तो तेरी अर्धांगिनी है।

 📝 THE POEM:-  जीत तो तेरी अर्धांगिनी है।।  कभी कभी ज़िंदगी मायूस सी लगती है पता नही क्यों पर थोड़ी उदास सी लगती है .. चाहता तो हँसना मैं भी हूँ पर दिल क्यूं रोता है ..  🤔 कैसे समझाऊँ मैं खुद को ऐसा क्यों होता है.. ऐसा क्यों होता है.. कभी पल भर में ही, दुनिया बदलने का हौंसला होता है और अगले ही पल हौंसले से भी फैसला होता है😓 ज़िंदगी मैं जी रहा हूँ या ज़िंदगी मुझे जी रही है नही समझ पा रहा हूँ,मैं साथ मेरे,, ये क्या हो रहा है..? कभी लगता है कि दुनिया का लीडर हूँ मैं और कभी,सोचता हूँ के मेरी हैसियत ही क्या है.. ✨ न जाने कितने आये धुरंधर यहाँ धूल से ज़्यादा मेरी औकात  क्या है.. मेरी औकात  क्या है..✅ खुद मायूस होकर किसी में जोश भरना इतना आसान नही कैसे समझाऊँ , मैं सबको के इंसान हूँ मैं भी कोई भगवान नही..✨ जब मन टूटने लगता है और शरीर बिखर सा जाता है तब रोना चाहूँ बहुत तो भी पर अब कोई न,आंसू आता है कोई न आँसू, आता है.. कहाँ गयी वो सम्वेदनाएँ मेरी कहाँ गए ,वो जज़्बात जिनकि बदौलत मैं आज  फिर झट से बदल डालू मेरे हालात...✨ क्योंकि वक्त बदलता है यहाँ और बदल जाते है ख...

Poem :) सबसे खतरनाक होता है, हमारे सपनों का मर जाना ... .

 मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती  पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती बैठे-बिठाए पकड़े जाना—बुरा तो है सहमी-सी चुपी में जकड़े जाना—बुरा तो है पर सबसे ख़तरनाक नहीं होता कपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना—बुरा तो है किसी जुगनू की लौ में पढ़ना—बुरा तो है मुट्ठियाँ भींचकर बस वक़्त निकाल लेना—बुरा तो है सबसे ख़तरनाक नहीं होता... सबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना न होना तड़प का सब सहन कर जाना घर से निकलना काम पर और काम से लौटकर घर जाना सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना ..🙇‍♂ सबसे ख़तरनाक वह घड़ी होती है आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो आपकी निगाह में रुकी होती है सबसे ख़तरनाक वह आँख होती है जो सबकुछ देखती हुई भी जमी बर्फ़ होती है जिसकी नज़र दुनिया को मुहब्बत से चूमना भूल जाती है जो चीज़ों से उठती अँधेपन की भाप पर ढुलक जाती है जो रोज़मर्रा के क्रम को पीती हुई एक लक्ष्यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है सबसे ख़तरनाक वह चाँद होता है जो हर हत्याकांड के बाद वीरान हुए आँगनों में चढ़ता है पर आपकी आँखों को मिर्चों की तरह...

The Poem : चूर चूर होकर भी, मैं आशा से भरपूर हूँ

                   📝 The Poem  ( चूर चूर होकर भी ,मैं  आशा से भरपूर हूँ♥️ ✨ ) पड़ा हुआ एक दिन  लाश सा मैं और मायूस थोड़ा  मंज़िल से दूर हूँ पर खामोशी के साये में धड़कने  कहती है की आशा  से अभी ,मैं  भरपूर  हूँ दुनिया चलती है अपने दस्तूर से पर मैं क्यों  हुआ मगरूर हूँ क्या कहूँ और क्या सुनाऊ हाल अपना मगर आशा से ,मैं अभी भरपूर हूँ गुस्सा करे तो करे किस पर खुद के बनाये हालातो से मैं   तो  खुद  ही  मजबूर  हूँ पर सच यही है , विश्वास से भरपूर हूँ... लाचारी कभी कभी हुई महसूस  जीवन मे पर यह नही है सत्य  अमिट और शाश्वत यही मानने वाला , मैं   गुरुर  हूँ हा यही सच है, आशा से भरपूर हूँ ... खोया  खुदको है  मैंने  मगर स्वयम को जीतने का ही ,मैं सुरूर हूँ हो   कठिन  चाहें  राह  मेरी पर हर शूल को फूल बनाने वाला ,मैं फितूर हूँ हालातों  का  क्या  है बदलते है बदल ही जाएंगे मेरे मासूम सपने भी आखिर इक  दिन  ...

The Poem : होली का गुलाल ❤✍️

  📝The Poem: होली का गुलाल ♥️✨ दर्द को अपने दवा बनाकर ठोकरों को भी शिक्षा बनाकर प्रफुल्लित सा अपना हाल बनाता हूँ ज़िंदगी को अपने मैं तो होली का गुलाल बनाता हूँ...✨ पीड़ा को अपनी सुख बनाकर सकारात्मक अपना रुख बनाकर उत्साही अपनी चाल बनाता हूँ मैं तो यौवन को भी अपने होली का गुलाल बनाता हूँ...✨ मायूसी को मुस्कान बनाकर माँ बाप की दुआओं को ढाल बनाकर सारे अफसोस और मलाल मिटाता हूँ जीवन को अपने मैं तो होली का गुलाल बनाता हूँ...✨ निराशा को अपनी आस बनाकर शंकित मन मे भी विश्वास जगाकर पराक्रम को अपने और भी विकराल बनाता हूँ यौवन को अपने मैं तो होली का गुलाल बनाता हूँ...✨ भूत सबक है, भविष्य सुधारने का वर्तमान कर्मक्षेत्र संवारना है मुझे नही मैं ,यू ही गाल बजाता हूँ जीवन को अपने मैं तो होली का गुलाल बनाता हूँ.. ✨ बिखरी हिम्मत को फिर समेटकर ग्लानि और पश्चाताप को लपेटकर विजय तिलक से अपना भाल सजाता हूँ जीवन को इसी तरह से प्यारे होली का गुलाल बनाता हूँ✨ नकारात्मक विचार रोकना चाहेंगे तुझे और विकार भी खूब जोर लगाएंगे ऐसे में संयम नियम की 🔥मैं तो मशाल जलाता हूँ🔥 यौवन को इस तरह से अपने होली ...

The Poem : तुम हो तो ❤

 📝 THE POEM : तुम हो तो ♥️ ✨ ( नारी के हर अंश को समर्पित...!🇮🇳 जब हम भाई है तो एक मासूम बहन बिना सब सुना लगता है...💫 जब हम प्रेमी है तो दिल पर राज करने वाली इक मासूम प्रेमिका  बिना सबकुछ अधूरा लगता है...💫 जब हम पति है तो पत्नी हमे जीना सीखाती है...💫 और जब हम पिता है, तो एक नन्ही सी बिटिया बेहद याद   आती है❤️ 📝भला कैसे भूल जाए हम उस माँ को जो हर नारी में कहीं न कही रहती है भले कितना ही दूर क्यों न हो जाये हम पर हर लड़के के दिल में वो रहती है❣️ 💫 चरण बद्ध रूप में प्रस्तुत :- तुम हो तो ये घर लगता है वरना सच कहूँ बहुत डर लगता है बहुत डर लगता है... तुम हो तो यह जीवन पवित्र है वरना कहाँ कोई इसका चरित्र है    तुम हो तो यह जीवन बनता महान है  बिन तुम्हारे तो बस सांसो के कुछ  निशान है बस सांसो के कुछ निशान है... तुम हो तो यह जीवन खिलते कमल सा है वरना किसी माया के दलदल सा है माया के दलदल सा है... तुम हो तो यह जीवन खिलती कलियों का उपवन है वरना जैसे बिना सुगंध का कोई चन्दन है तुम हो तो यह जीवन चाँद कि शीतलता है और सूरज कि गर्मी है जो तुम नही तो सि...

The Poem : Who, I am ❤

 📝 The Poem:-Who , I am♥️ 💫 Believe me💫 I am the One I am the Sun I am the Fun Yes I have done✅ Trust me💫 I am I nvincible I am Unconquerable I am Unstoppable Yes I am Impregnable ... Believe me💫 I am A chievable I am D oable I am C apable Yes I am Loveable .. Trust me💫 I am Royal I am loyal I am Moral That's why I don't drink Alcohol 👈 Trust me💫 I am Peaceful I am Love ful I am Joyfull I am Cheerfull Yes I am power ful... Trust me💫 I am Generous I am Zealous I am Curious So I am going like Fast and Furious ... I am Fearless I am Dauntless I am Restless But I am not Aimless 💫 I am divine Nothing is mine Completely Fine Yes I like  Sunshine 💫 I am Superman I am Spiderman I am Batman Yes I am Responsible Man✅ I am the King I have wing I love to Sing And I want to swing 💫 I am the Fire.. I am the Shayar And I am not Liar Yes I have burning desire ...👌 Believe me I am the Believer I have not Pain's Fever That s why. I am achiever ✅ I am the Lion's cub Despite I...

तुझे पढ़ना होगा क्योंकि ❤

  📝तुझे   पढ़ना  होगा   क्योंकि  ♥️ हाँ तुझे पढ़ना होगा, इसलिए नही की तुझे किसी से होड़ करनी है इसलिये नही, की तुझे फर्स्ट ही आना है और इसलिये भी नही की तुझे किसी को पीछे कर उसे नीचा दिखाना है👈 बल्कि उस माँ के लिये तुझे पढ़ना है जिस माँ ने LKG से लेकर तुझे साईकल दिलाने तक हर बार स्कूल की लास्ट बेल बजने तक तेरा इंतज़ार किया है ... उस पिता के लिये तुम्हे पढ़ना होगा जिसने हर बार ,अपना पेट काटकर तुम्हे काबिल इंसान बनाने की उम्मीद में हर महीने की फीस भरी है ✅ दोस्तो तुम्हे पढ़ना ही होगा किसी और के लिये नही, तो  सिर्फ खुद की उस मेहनत को बचाने के लिये जो तुमने" हर क्लास" को पार करने के लिये करी है...👌 दोस्तो आज क्या नही है आपके पास गाड़ी है, बड़ा घर है टाइम पर खाना भी मिलता है.. Ac है, कूलर है, और एक साफ सुथरा कमरा भी है पढ़ने के लिये बहुत अच्छी कोचिंग भी जॉइन की है आपने.. मगर साथियो हर किसी के पास तो ये नही है न कोई तो चाहकर भी नही पढ पाता है क्योंकि उसके पास किताबे खरीदने के भी, पैसे  नही है.. कोई  ठेला चलाता है.. तो कोई सब्ज़ियां बेच रहा है.. कोई ...

The Poem : आस में विश्वास है ❤

 📝The Poem:आस में विश्वास है ♥️ ज़िंदगी कभी टुकड़ो टुकड़ो में बड़ा ही तोड़ देती है क्या चल रहा है जीवन मे यह सोचने का नया मोड़ देती है... कहे क्या और किससे बोले भला कौन यहाँ समझता है इस पत्थर की दुनिया मे बस दिखावा ही बिकता है..🤔 हकीकत इस जहाँ की ऐसी बड़ा हताश कर देती है कितना जोश भरता है कोई मन मे उसे भी यह निराश कर देती है न जाने कितनी जिंदगियां हर रोज़ यू ही कुर्बान होती है कोई बेचता है भावनाओ को तो कहीं जवानी नीलाम होती है जिस पर बीतती है बस वही जानता है बाकी तो कौन यहाँ किसे पहचानता है...✅ सबको लगता है,की हँसने वाले बहुत  ही ज़्यादा खुश होते है पर कहा वे जानते है अकेले में छिपकर कितना ये रोते है.. मुस्कुराहट तो होंठो की ,बस पर्दा है कुछ ज़िंदगी के जख्म उससे छिप जाते है किसी दिन खोलेंगे किताब अपनी पर ज़ख्म  फिर हरे हो जाते है .. जीवन का सफर है कुछ ऐसा ही पर हाथ धरे बैठ नही सकते रोती है आंखे तो बहने दो आँसू कभी मगर हौंसला हम छोड़ नही सकते... हालात क्या है , कुछ भी तो नही बादल है यह ,इन्हें तो हटना होगा हम भानु ,भास्कर, आफताब है भला हमे तो हर दिन जलना होगा परिस्थित...

The Poem : माधुरी ❤

 📝 THE POEM: माधुरी ♥️ तुमने सुनी होगी, अब तक लव स्टोरी हमेशा एक लड़के औऱ लड़की की लेकिन इस कविता में बात थोड़ी  निराली  है एक प्यारी बहन ने देखो भाई की ज़िंदगी कैसे संभाली है✅ एक  नादान  सा गबरू लड़का जो  बस  यूं ही जीता  रहता था कक्षा 11 के वो दिन थे जब वो उल्टा सीधा कहता रहता था न जाने क्या बजरंगबली ने चाहा जो माधुरी से मिलवाया उसको मृदुभाषी जीवन होता है अच्छा सत्संगत से बतलाया उसको पढ़ाई  में  अव्वल  प्यारी  लड़की  ने राखी आग्रह पर उसके, तब बांधी थी बाद में गज़ब उठी भैया के जीवन मे अच्छे  पवित्र संस्कारो  की  आंधी थी... भैया को बहना  की अपनी तब चिंता  बड़ी  होती  थी जब कभी सड़क पर  वे टेम्पो के इंतज़ार में अकेला खड़ी होती थी..🤔 भैया मजे से जीप में तब जाया करता था पर बहना हमारी जीवन की चुनोतियों के सम्मुख फौलाद सी डटी होती थी... मासूम, संस्कारी और प्यारी सी है वे विनम्रता को ही उनमें पाया है अकड़ू सा था भैया पहले उन्होंने ही सज्जन होना सीखाया है सामाजिक औपचारिकताओ से तो भैया आपके अनभिज्ञ...

The Poem : संकल्प क्या है ❤

 📝 The Poem : संकल्प क्या है ♥️ सन्कल्प है वही, जो विकल्प नही कोई रखता है मंज़िल देखकर बस एकटक राह में सतत रूप से बढ़ता है... गिरता है  यदि कहीं वो तो फिर उठकर के चलता है यही तो है वो सन्कल्प जिसे भाती नही, विफलता है💫 भोगों का बन्धन छुड़ाने की यह एक अदभुत सी विकलता है गमगीन हालातों में भी यह अशोक सा बनकर चलता है पहाड़ो को राई बनाता है मन की तरुणाई जगाता है होता वही है सन्कल्प जिसे प्रमाद नही कोई भाता है💫 झरने की वो ऊर्जा है यह तो शिलाओं को फाड़ कर निकलता है है यही सिंह का साहस दहाड़ से जिसकी सारा जंगल हिलता है ... नन्हे बीज का प्रण भी है यह पथरीली भूमि फाड़कर जो निकलता है उस दामिनी का यौवन है यह समाई  जिसमे अप्रतिम सी चपलता है यही तो पावर है विल की जो हर स्कील पर पड़ती भारी है जब जब बिखरा कोई लीडर इसके बल पर ही उसने हिम्मत नही हारी है दुनिया जीती सारी है ✅ किसी इच्छा या निर्णय पर एक ही निश्चय दृढ़ भारी है जीवन का पूरा चक्र घुमा दे छिपी प्रण की शक्ति उसमें थारी है... यह सन्कल्प ही है जो तुझे जीना सिखाएगा तेरे हर डर को मिटाएगा आलस को भगाएगा और टाइम पास के लिये लड़की नही पट...