Posts

Showing posts from March, 2024

नारी तुम अबला नहीं

 "नारी तुम अबला नहीं हो" करुणा कि सागर को धार बना के तुम भी लहरों सी हुंकार भरो। अबला नहीं हो तुम नारी इस बात का अभिमान करो।   दिखाए कोई आंख अगर तो न तुम सहम सी जाना। चाहे पकड़े कोई हाथ तुम्हारा न डर कर तुम चुप रह जाना।   उठो लड़ो और आगे बढ़ो अपनी समस्याओं का खुद समाधान बनो। अबला नहीं हो तुम नारी इस बात का अभिमान करो। ___@raushan__raaz

सबसे भारी क्या हैं ?

 सबसे भारी क्या है ? पर्वत पहाड़ या दर्द से भारी मन, नहीं ! सबसे भारी है माथे का वो घूंघट जिसमें संस्करों के नाम पर पिघल जाती है कितनी ही कलाएँ,योग्यताएं और प्रतिभा । सबसे ऊंचा क्या है ? गगन चुम्बी ईमारतें,चीन की दिवार या महापुरुषों की प्रतिष्ठा , नहीं ! सबसे ऊंची होती है वो दहलीज जिसे पार करने में खप जाता है किसी स्त्री का पूरा जीवन जिसके नीचे रह जाती है  कितनी ही सर्वश्रेष्ठ धावक, जो दौड़ कर दहलीज तक  पार नहीं कर पाती। सबसे उजला क्या है? नेताजी की कमीज , दोपहरी का तड़का  या सत्य और ईमान , नहीं ! सबसे उजला होता है  विधवा का दामन  जिसकी चकाचौंध में आँखें मलती कितनी ही स्त्रिया कभी नहीं देख पाती प्रकाश का परावर्तन, वो सतरंगी आँखे ओढ़ कर श्वेत खादी हो जाती है रंग हीन उजली और सफेद। सबसे नुकीला क्या है? हथियार , देवी का त्रिशूल या तिरस्कार और टीस , नहीं ! सबसे नुकीला होता है वो स्पर्श जो होता है इच्छा के विरुद्ध वो स्पर्ष जो खा जाता हैं हृदय की सारी कोमलता जो निगल जाता है साहस  और कराता है आभास  पुरुष प्रधान समाज में स्त्री होने का। - @raushan__raaz

छिप छिप कर अश्रु बहाने वालों

 छिप-छिप अश्रु बहाने वालो !  मोती व्यर्थ बहाने वालो ! कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है। सपना क्या है? नयन सेज पर सोया हुआ आँख का पानी, और टूटना है उसका ज्यों जागे कच्ची नींद जवानी गीली उमर बनाने वालो। डूबे बिना नहाने वालो ! कुछ पानी के बह जाने से सावन नहीं मरा करता है।  माला बिखर गयी तो क्या है ख़ुद ही हल हो गई समस्या, आँसू गर नीलाम हुए तो समझो पूरी हुई तपस्या, रूठे दिवस मनाने वालो ! फटी कमीज़ सिलाने वालो ! कुछ दीपों के बुझ जाने से आँगन नहीं मरा करता है।  खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर केवल जिल्द बदलती पोथी । जैसे रात उतार चाँदनी पहने सुबह धूप की धोती वस्त्र बदलकर आने वालो ! चाल बदलकर जाने वालो ! चन्द खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है। लाखों बार गगरियाँ फूटीं शिकन न आई पनघट पर लाखों बार किश्तियाँ डूबीं चहल-पहल वो ही है तट पर तम की उमर बढ़ाने वालो लौ की आयु घटाने वालो लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है। लूट लिया माली ने उपवन लुटी न लेकिन गन्ध फूल की, तूफ़ानों तक ने छेड़ा पर खिड़की बन्द न हुई धूल की, नफ़रत गले लगाने वालो ! सब पर धूल उड़ाने वालो !...

सुप्रभात

 सुप्रभात 🙏 एक फटी धोती और फटी कमीज पहने एक व्यक्ति अपनी 15-16 साल की बेटी के साथ एक बड़े होटल में पहुंचा। उन दोंनो को कुर्सी पर बैठा देख एक वेटर ने उनके सामने दो गिलास साफ ठंडे पानी के रख दिए और पूछा- आपके लिए क्या लाना है?  उस व्यक्ति ने कहा- "मैंने मेरी बेटी को वादा किया था कि यदि तुम कक्षा दस में जिले में प्रथम आओगी तो मैं तुम्हे शहर के सबसे बड़े होटल में एक डोसा खिलाऊंगा। इसने वादा पूरा कर दिया। कृपया इसके लिए एक डोसा ले आओ।"वेटर ने पूछा- "आपके लिए क्या लाना है?" उसने कहा-"मेरे पास एक ही डोसे का पैसा है।"पूरी बात सुनकर वेटर मालिक के पास गया और पूरी कहानी बता कर कहा-"मैं इन दोनो को भर पेट नास्ता कराना चाहता हूँ।अभी मेरे पास पैसे नहीं है,इसलिए इनके बिल की रकम आप मेरी सैलेरी से काट लेना।"मालिक ने कहा- "आज हम होटल की तरफ से इस होनहार बेटी की सफलता की पार्टी देंगे।"  होटलवालों ने एक टेबल को अच्छी तरह से सजाया और बहुत ही शानदार ढंग से सभी उपस्थित ग्राहको के साथ उस गरीब बच्ची की सफलता का जश्न मनाया।मालिक ने उन्हे एक बड़े थैले में तीन डो...

क्रोध

 एक पति ने अपने गुस्सैल पत्नी से। तंग आकर उसे कीलों से भरा एक थैला देते हुए कहा ,"तुम्हें जितनी बार क्रोध आए तुम थैले से एक कील निकाल कर बाड़े में ठोंक देना !" पत्नी को अगले दिन जैसे ही क्रोध आया उसने एक कील बाड़े की दीवार पर ठोंक दी। यह प्रक्रिया वह लगातार करती रही। धीरे धीरे उसकी समझ में आने लगा कि कील ठोंकने की व्यर्थ मेहनत करने से अच्छा तो अपने क्रोध पर नियंत्रण करना है और क्रमशः कील ठोंकने की उसकी संख्या कम होती गई। एक दिन ऐसा भी आया कि पत्नी ने दिन में एक भी कील नहीं ठोंकी। उसने खुशी खुशी यह बात अपने पति को बताई। वे बहुत प्रसन्न हुए और कहा, "जिस दिन तुम्हें लगे कि तुम एक बार भी क्रोधित नहीं हुई, ठोंकी हुई कीलों में से एक कील निकाल लेना।" पत्नी ऐसा ही करने लगी। एक दिन ऐसा भी आया कि बाड़े में एक भी कील नहीं बची। उसने खुशी खुशी यह बात अपने पति को बताई। पति उस पत्नी को बाड़े में लेकर गए और कीलों के छेद दिखाते हुए पूछा, "क्या तुम ये छेद भर सकती हो?" पत्नी ने कहा,"नहीं जी" पति ने उसके कन्धे पर हाथ रखते हुए कहा,"अब समझी, क्रोध में तुम्हारे द्वारा...

सच्चा सुकुन

 #सुकून .....  शहर की बहुत बडी मिठाई पकौड़ों की दुकान थी जिसके ब्रेड पकौड़े और समोसे बडे मशहूर थे ... मैं पहले भी उस दुकान की तारीफें सुन चुका था मगर कल जब एक खास दोस्त ने कहा- दीपकभाई..... क्या स्वादिष्ट थे समोसे ... .. और इतने बढिया मुलायम ब्रेड पकौड़े ... .. वाह मजा ही आ गया ..... सो आज मैंने भी वहां जाकर उन लजीज समोसों और ब्रेड पकौडों का मजा लेने की सोची..... आफिस से निकला तो 7 बज चुके थे सोचा आज उसी दुकान पर पहले कुछ खाया जाए फिर घर जाऊंगा ... मगर जैसे ही दुकान के बाहर गाडी खडी करके अंदर जाने को हुआ तो एक नन्हे से हाथों के स्पर्श ने मेरा ध्यान खींचा देखा तो एक छोटी सी बच्ची 8 से 10 साल के बीच की ने मुझे रोककर कहा-अंकल ... क्या आप भी यहां समोसा और पकौड़ा खाने आए हैं ...  मैंने कहा-हां.... मगर तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो ... क्या यहां अच्छे नहीं मिलते .... वो बडी मासूमियत से बोली-मिलते हैं ना बहुत अच्छे मिलते हैं पर आप मत जाओ उन्हें खाने... मैं...

माँ

 शीर्षक - मां मां एक ऐसा शब्द जिसे सुनते ही एक सुकून सा मिलता है सारी तकलीफे,परेशानियां, दुःख दर्द तो जैसे छूमंतर हो जाता है.... भगवान हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां को बनाया है 😍 जो बिना कहे आपकी सारी बातें समझ जाती है जिसकी डाट में भी उसका प्यार छिपा हुआ है 😅  मां के लिए किया लिखूं शब्द नहीं है मेरे पास मां की महिमा अनंत है 🙂 थैंक यू मां मुझे इस दुनिया में लाने के लिए... मेरी हर नादानी को भुलाकर मुझे प्यार करने के लिए, बिना कहे मेरी हर बात समझने के लिए...... शुक्रिया मां!!!🥺 मेरी प्यारी मां तुम कितनी अच्छी हो न तुम्हें खुद भी नहीं पता 😍🥰🥰  You are the best ❤️ LOVE YOU MAA😘 सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये, माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये। वो लिखा के लाई है किस्मत में जागना, माँ कैसे सो सकेगी कि बेटा सफ़र में है। उसको जब भी देखती हूँ मेरी मन्नत पूरी हो जाती है उसमे, उससे, उसपर, ही मेरी दुनिया शुरू और पूरी हो जाती है। दुनिया भाग रही है जन्नत पाने को कोई बताये उन्हें माँ घर पर ही है। 🥰  By __@raushan_raaz

पापा

 पापा 🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹 पापा मेरे सपने अधूरे है पर मैने हिम्मत भी तो नहीं हारी है।। मेरे सपनो को पाने का सफर जारी है पर आपका साथ होता तो बात ओर होती हां ! दिल से कामयाब देखना चाहते हो आप मुझे । पर एक बार कह देते तो बात कुछ और होती मंजिल भी होगी कदमों में मेरे एक दिन पर आपका साथ होता तो बात कुछ ओर होती।। सिखाया आपने ही है कभी हिम्मत मत हारना तो कैसे हार मान लूंगी मै इतनी जल्दी ही।। आपके संस्कारों को कभी नहीं लजाऊगी आप सपने बड़े देखना पूरा करके मैं दिखलाऊंगी।। आपका विश्वास हो इस सफर में तो इसे अंजाम तक पहुंचा दूंगी ।। लोगों को हसने दो मेरी नाकामयाबियों पर मैं उन्हे कामयाब होकर दिखा दूंगी पापा आप मेरी दुनिया हो ओर में ये अभी कह नहीं सकती अफसर बन जाऊंगी  पहला सैल्यूट आपके नाम का होगा।। Love you PAPA❤️ I am proud of u so much....!! अब ओर इंतजार नहीं करवाऊंगी आपको....!! ✍By:- raushan__raaz

Motivation

 MOTIVATION✍  जब आप से पढाई ना हो और मन नही लगे तो एक बार इसे पढ़ लेना शायद पढाई होने लगे ............. आज मायूस है तू आज डरा हुआ है तू आखिर क्या मायूस होना जीत है क्या डर के खामोस बैठ जाना जीत है अरे तू कभी ख़ुद्दार हुआ करता था अरे तू कभी रातो पढ़ा करता था फिर आज ये डर कैसा, ये मायूसी कैसी? क्या भूल गया वो पल जब तूने घर से बैग उठाया था क्या बोला था दोस्त को ,क्या बोला था जलने वालो लोगो को अरे उस वक्त को याद कर जब तू अलग था, अरे वो वक्त याद कर जब तू ट्रेन में बैठा था, अरे उस मुसाफिर को याद कर जिसे ias बनने की ट्रेन में बोला था, याद आ गये ना वो दिन जब सपनों को इज्जत माना जाता था, याद आ गये ना वो दिन जब दोस्त को पढाई के बहाने ना बोला जाता था याद कर वो दिन जब अकेले में किसी को कहा था की ias बनूंगा, क्यों चुप है अब, क्यों सोया है अब , अरे दो दिन में पहाड़ नही उखड़ते अरे अपनी आत्मा को जगा,, अपनी शक्ति को पहचान,, मेरे दोस्त तू ही एक है जो तेरे सपने पूरे कर पायेगा कोई और नही याद कर उस मजदूर को जिसे रोटी नही मिलती, याद कर उस बच्चे को जिसकी जिन्दगी प्लेटफार्म पर पलती अरे याद कर उस दिन को जब...

सर्दी का स्वागत

 सर्दी का स्वागत कुछ इस तरह से,  एक बाल कविता का प्रयास   .................................  मफलर झूमे तनी रजाई।  दाँत बजाती सर्दी आई। दिन छोटे हो गये सिकुड़ के,  बढ़ गयी राते की लंबाई। पिताश्री ने कोट खरीदा,  मम्मी जी ने शॉल मँगाई। दीदी जी की नई सहेली,  बनकर आई ऊन शलाई,। पूंछ दबाये टॉमी बैठा,  थर-थर काँपे चूहे भाई । घर के बाहर जैसे निकले,  सर्द हवा ने सुई चुभाई। खिले धूप तो लगता ऐसे,  मानो बाँटे शिवम मिठाई।      __@raushan__raaz

ज़िन्दगी

 रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!! मगर तू बढ़ते जाना! रोकेगा ज़माना तुझे!! पर तू चलते जाना! जब रहेगी सामने मंज़िल तेरे!! तो रुकावटों पर नज़र भी नहीं जा पाएगी! रास्ते हो जाएंगे आसान तेरे!! जब सपनो में भी मंज़िल नज़र आएगी! यूँ जमीन पर बैठकर क्यूँ  आसमान देखता है, पँखों को खोल जमाना  सिर्फ उड़ान देखता है। उम्र थका नहीं सकती, ठोकरे गिरा नहीं सकती, अगर जिद हो जितने की तो परिस्थितिया भी हरा नहीं सकती... ज्यादातर महान लोगों को उनकी सबसे बड़ी सफलता उनकी सबसे बड़ी असफलता के बाद मिली।    ___@raushan__raaz ✔️Share & Support Us ✔️Unmute Notification

ढाई अक्षर

 काफी बरसों पहले पढा था..! पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय। ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय॥ अब पता लगा है कि, ढाई अक्षर है क्या..? तब से मन शांत हो गया..!! ढाई अक्षर के ब्रह्मा और, ढाई अक्षर की सृष्टि..! ढाई अक्षर के विष्णु और, ढाई अक्षर की लक्ष्मी..!! ढाई अक्षर की दुर्गा और, ढाई अक्षर की शक्ति..!! ढाई अक्षर की श्रद्धा और, ढाई अक्षर की भक्ति..! ढाई अक्षर का त्याग और, ढाई अक्षर का ध्यान..!! ढाई अक्षर की इच्छा और, ढाई अक्षर की तुष्टि..! ढाई अक्षर का धर्म और, ढाई अक्षर का कर्म..!! ढाई अक्षर का भाग्य और, ढाई अक्षर की व्यथा..! ढाई अक्षर का ग्रन्थ और, ढाई अक्षर का सन्त..!! ढाई अक्षर का शब्द और, ढाई अक्षर का अर्थ..! ढाई अक्षर का सत्य और, ढाई अक्षर की मिथ्या..!! ढाई अक्षर की श्रुति और, ढाई अक्षर की ध्वनि..! ढाई अक्षर की अग्नि और, ढाई अक्षर का कुण्ड..!! ढाई अक्षर का मन्त्र और, ढाई अक्षर का यन्त्र..! ढाई अक्षर की श्वांस और, ढाई अक्षर के प्राण..!! ढाई अक्षर का जन्म और, ढाई अक्षर की मृत्यु..! ढाई अक्षर की अस्थि और, ढाई अक्षर की अर्थी..!! ढाई अक्षर का प्यार और, ढाई अक्षर का युद्ध.....

Middle Class

 ...❥        "मिडिल-क्लास" का होना भी         किसी वरदान से कम नहीं है.            कभी बोरियत नहीं होती.         जिंदगी भर कुछ ना कुछ आफत              लगी ही रहती है.     मिडिल क्लास वालों की स्थिति          सबसे दयनीय होती है, न इन्हें तैमूर जैसा बचपन नसीब होता है    न अनूप जलोटा जैसा बुढ़ापा, फिर भी           अपने आप में उलझते हुए                 व्यस्त रहते हैं. ★        मिडिल क्लास होने का भी             अपना फायदा है.   चाहे BMW का भाव बढ़े या AUDI का    या फिर नया i phone लाँच हो जाये,          कोई फर्क नहीं पड़ता. ★         मिडिल क्लास लोगों की     आधी जिंदगी तो ... झड़ते हुए बाल      और बढ़ते हुए ...

मुझे दहेज चाहिए

 मुझे दहेज़ चाहिए तुम लाना तीन चार ब्रीफ़केस जिसमें भरे हो तुम्हारे बचपन के खिलौने बचपन के कपड़े बचपने की यादें मुझे तुम्हें जानना है बहुत प्रारंभ से.. तुम लाना श्रृंगार के डिब्बे में बंद कर अपनी स्वर्ण जैसी आभा अपनी चांदी जैसी मुस्कुराहट अपनी हीरे जैसी दृढ़ता.. तुम लाना अपने साथ छोटे बड़े कई डिब्बे जिसमें बंद हो तुम्हारी नादानियाँ तुम्हारी खामियां तुम्हारा चुलबुलापन तुम्हारा बेबाकपन तुम्हारा अल्हड़पन.. तुम लाना एक बहुत बड़ा बक्सा जिसमें भरी हो तुम्हारी खुशियां साथ ही उसके समकक्ष वो पुराना बक्सा जिसमें तुमने छुपा रखा है अपना दुःख अपने ख़्वाब अपना डर अपने सारे राज़ अब से सब के सब मेरे होगे.. मत भूलना लाना वो सारे बंद लिफ़ाफे जिसमें बंद है स्मृतियां जिसे दिया है तुम्हारे मां और बाबू जी ने भाई-बहनों ने सखा-सहेलियों ने कुछ रिश्तेदारों ने.. न लाना टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन लेकिन लाना तुम किस्से कहानियां और कहावतें अपने शहर के.. कार,मोटरकार हम ख़ुद खरीदेंगे तुम लाना अपने तितली वाले पंख जिसे लगा उड़ जाएंगे अपने सपनों के आसमान में.. मुझे दहेज़ में चाहिए तुम्हारा पूरा प्यार पूरा खालीपन तुम्ह...

सर्दी का स्वागत

 जाड़े की धूप टमाटर का सूप मूंगफली के दाने छुट्टी के बहाने तबीयत नरम पकौड़े गरम ठंडी हवा मुँह से धुँआ फटे हुए गाल सर्दी से बेहाल तन पर पड़े ऊनी कपड़े दुबले भी लगते मोटे तगड़े किटकिटाते दांत ठिठुरते ये हाथ जलता अलाव हाथों का सिकाव गुदगुदा बिछौना रजाई में सोना सुबह का होना सपनो में खोना. स्वागत है सर्दियों का आना सभी दोस्तों को सर्दी की शुभकामनांए                    @raushan__raaz               💞💞🙏💞💞

धन बहुत जरूरी है एक समृद्ध जीवन के लिए

 📝धन बहुत ज़रूरी है एक समृद्ध जीवन के लिये...♥️✨ साथियों बचपन से ही हमें मुख्यतः मध्यमवर्गी परिवारों में जाने अनजाने यह सीखा दिया जाता है, या फिर हम ही पर्याप्त जानकारी के अभाव में ऐसी मानसिकता बना लेते है, कि धन के बारे में ज़्यादा विचार करना अच्छा नही है। यह तो मोह माया है अतः इसके ख्याल से भी हमें बचकर जीना चाहिये। या फिर यह कहावतें हमें सुनने को मिलती है कि  ✳️हमनें बहुत गरीबी देखी है पैसा कमाना इतना आसान नही, ✳️पैसे कोई पेड़ पर थोड़ी लटकते है, ✳️पैसा तो हाथ का मैल है, ✳️या ज़्यादा धन बुद्धि भृष्ट करता है इत्यादि। बावजूद इसके साथियों धन हम सभी की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। बेशक सिर्फ धनी होना सुखी जीवन की गारंटी नही। लेकिन क्या बिना धन के सुखी जीवन के लिये ज़रूरी संसाधन हम खरीद सकते है। तो इसका उत्तर है नही☑️ अर्थात हम धन कि महत्ता को कभी भी नकार नही सकते। यदि हमें इसी समाज के मध्य गर्व से सिर उठाकर एक समृद्ध जीवन जीना है तो, इसकी importance कभी कम नही होगी। कई बार यह भी सुनने में आता है, कि हमारे जीवन में धन की कीमत सिर्फ इतनी है, जितनी कि "गाड़ी में पेट्रोल" की। लेक...

ज़िन्दगी

 जब भी कभी बारिश शुरू होती है,  तो पक्षी अपना-अपना घोंसला  ढूंढने के लिए इधर उधर जाते है। लेकिन चील एकमात्र ऐसा पक्षी है, जो बादलों के ऊपर चला जाता है और  उसे बारिश का कोई फर्क नहीं पड़ता है। इससे हमें यह सीख मिलती है कि  समस्याओ से बचने के लिए नहीं  बल्कि समस्याओं को खत्म  करने के लिए काम करें।        __raushan_raaz

ज़िन्दगी

 ज़िंदगी को गमले के पौधे  की तरह मत बनाओ... जो थोड़ी सी धूप लगने  पर मुरझा जाए। ज़िंदगी को जंगल के उस पेड़ की तरह बनाओ, जो हर परिस्थिति में मस्ती से झूमता रहे। जीवन जितना सादा रहेगा, तनाव उतना ही आधा रहेगा। योग करें या न करें पर..... जरूरत पड़ने पर एक दूसरे का सहयोग ज़रूर करें। ___@raushan__raaz

आज का सुप्रभात

 डाली से टूटा फूल फिर से डाली से जुड़ नहीं सकता लेकिन डाली मज़बूत हो तो फिर से नया फूल आ सकता हैं 🌺🌹 उसी प्रकार से ज़िंदगी में खोए पलों को  वापिस तो नहीं ला सकते मगर हौसला व विश्वास से आने वाले हर पल को ख़ूबसूरत ज़रूर बना सकते हैं 😇        __@raushan_raaz

इच्छा पूर्ति वृक्ष

                 🌳इच्छापूर्ति वृक्ष🌳 एक घने जंगल में एक इच्छा पूर्ति वृक्ष था, उसके नीचे बैठ कर कोई भी इच्छा करने से वह तुरंत पूरी हो जाती थी। यह बात बहुत कम लोग जानते थे क्योंकि उस घने जंगल में जाने की कोई हिम्मत ही नहीं करता था। एक बार संयोग से एक थका हुआ व्यापारी उस वृक्ष के नीचे आराम करने के लिए बैठ गया उसे पता ही नहीं चला कि कब उसे नींद लग गयी।  जागते ही उसे बहुत भूख लगी, उसने आस पास देखकर सोचा- काश कुछ खाने को मिल जाए! तत्काल स्वादिष्ट पकवानों से भरी थाली हवा में तैरती हुई उसके सामने आ गई। व्यापारी ने भरपेट खाना खाया और भूख शांत होने के बाद सोचने लगा.. काश कुछ पीने को मिल जाए.. तत्काल उसके सामने हवा में तैरते हुए अनेक शरबत आ गए। शरबत पीने के बाद वह आराम से बैठ कर सोचने लगा- कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूँ, हवा में से खाना पानी प्रकट होते पहले कभी नहीं देखा न ही सुना.. जरूर इस पेड़ पर कोई भूत रहता है जो मुझे खिला पिला कर बाद में मुझे खा लेगा। ऐसा सोचते ही तत्काल उसके सामने एक भूत आया और उसे खा गया। इस प्रसंग से हम यह सीख सक...